
First Tunnel In India
भारत की पहली रेलवे टनल ’पारसिक’ केवल 1.3 किलोमीटर लम्बी थी और इसे बनाने में करीब 10 साल लग गये थे,लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इतिहास में सुरंगों का इस्तेमाल दुश्मनों से छुपने या गुप्त रास्तों के लिए होता था. लाल किले को दिल्ली विधानसभा से जोड़ने वाली Secret सुरंग इसी का एक उदाहरण है. आपको बता दें विधानसभा में अंग्रेजों की कोर्ट चलती थी और Freedom Fighters को इसी Tunnel से ही सुनवाई के लिए ले जाया जाता था, क्या आप भी कभी सफ़र के दौरान किसी टनल से गुजरे हैं अभी के अभी उसका नाम कमेंट करें.
अब वापस चलते हैं tunnels के रोमांचक सफ़र की ओर
यदि अब Tunnels का निर्माण छुपने और गुप्त रास्तों के लिए नहीं हो रहा तो किस लिए हो रहा है..
भारत, जो एक समय में सड़कों और रेलवे को Develop करने में संघर्ष कर रहा था, अब पूरे देश में अत्याधुनिक Tunnels का जाल बिछा रहा है. सरकार देश में दुनिया की सबसे हाई-टेक सुरंगों का निर्माण कर रही है. क्या यह सिर्फ यात्राओं को छोटा करने के लिए है या इसके पीछे कोई और बड़ा कारण छुपा है? आखिर देश में तेजी से Tunnels का निर्माण क्यों हो रहा है और इसका हम पर क्या असर होगा ? पहाड़ों का सीना चीरकर कैसे बनती हैं सुरंगें और दिल्ली मेट्रो के लिए बनाई गयी सुरंगों में किस तकनीक का हुआ इस्तेमाल साथ ही जाने सबसे ज्यादा Tunnel वाले देश कौन से हैं और हमारे देश में सबसे छोटी और लंबी टनल कौन सी है. विडियो के अंत में हैं 5 Upcoming हाईटेक Tunnels.
पहले बात करते हैं हमारे देश की भौगोलिक स्थिति की, जी हां हमारा देश दुनिया के किसी अन्य देश की तुलना में काफी अलग है.यहां कहीं पहाड़ हैं तो कहीं रेगिस्तान और कोई इलाका पानी से घिरा तो कोई जंगल से, लेकिन सबसे ज्यादा
सड़क यातायात में मुश्किलें पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में आती हैं. इन क्षेत्रों से कनेक्टिविटी बनाये रख ने में Tunnels अहम रोल अदा करती हैं. पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों सड़क और Tunnels का निर्माण करना अपने आप में एक चुनौती है, इसलिए सुरंगों के निर्माण को लेकर हर किसी के मन में जिज्ञासा रहती है कि आखिर पहाड़ों का सीना चीरकर सुरंगें कैसे बनती हैं. तो आपको बता दें ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर सुरंग बनाने के लिए ख़ास तकनीक ड्रिल और ब्लास्ट विधि (DBM) का इस्तेमाल किया जाता है. इस विधि में चट्टान में छेद कर विस्फोटक भरा जाता है और फिर विस्फोट से चट्टान तोड़ी जाती है.यह तकनीक इतनी रिस्की होती है कि कभी-कभी ब्लास्ट के दौरान चट्टान का बड़ा हिस्सा खिसक जाता है और आसपास के घरों में दरार भी आ जाती है.
इसके अलावा सुरंग-बोरिंग मशीन (TBM) से भी सुरंग बनाई जाती है.TBM में मशीनों के जरिए चट्टान में छेद किया जाता है.ये DBM की तुलना में मंहगी, लेकिन काफी सुरक्षित होती है. इसके आलावा न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मैथड से भी सुरंगें बनाई जाती हैं और ये सुरंग खोदने का पारंपरिक तरीका है. और अब बात करें दिल्ली मेट्रो के लिए सुरंगों के निर्माण की तो, दिल्ली मेट्रो के लिए सुरंगों का निर्माण TBM के जरिए किया गया. वहीं जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड सहित हिमालय जैसी जगहों पर DBM तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.
आपको बता दें सबसे ज्यादा Tunnels दुनिया में विकसित देशों में ही हैं. आपको जानकर हैरानी होगी Tunnels की संख्या के मामले में पहले नंबर पर अमेरिका नहीं बल्कि चीन हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर जापान है, लेकिन शायद ही आपको इसका अंदाजा हो, Tunnels प्राकृतिक आपदाओं जैसे भारी बर्फबारी, भूस्खलन, या तूफान आदि से बचने में भी काफी हद तक हमारी मदद करती हैं. सुरंगों से जुड़ी दिलचस्प बात ये है कि इनका रणनीतिक महत्व भी बहुत ज्यादा होता है. सुरंगों के जरिये सेना की सीमा से जुड़े क्षेत्रों से हर मौसम कनेक्टिविटी बनी रहती है. हालही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा Inaugurate की गयी टनल, अरुणाचल की सेला सुरंग प्रोजेक्ट या हिमाचल की अटल टनल, इसी के उदाहरण हैं.
आपको Tunnels से जुड़ी एक और रोचक बात बता दें. Tunnels से पर्यटन को भी जबरदस्त Boom मिलता है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि
पिछले साल क्रिसमस के दिन अटल टनल से 28 हज़ार से ज्यादा गाड़िया गुजरी. ये नंबर इसके उद्घाटन के बाद से सबसे अधिक है. Tunnels से कनेक्टिविटी बेहतर होती है और कनेक्टिविटी के बेहतर होने से पर्यटन को बूम मिलता है.
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अब बात करते हैं हमारे देश में Tunnels स्थिति के बारे
India Which Centre plans 74 new tunnels worth rs 1 lakh crore to bolster highway network?
जी हां आपको जानकर ख़ुशी होगी हमारे देश में भी तेज़ी से Tunnels का निर्माण किया जा रहा है. जल्द ही देश में हाईवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 74 नई सुरंगें बनाई जाएंगी और इन्हें बनाने में करीब एक लाख करोड़ रुपए की लागत आयेगी, लेकिन आपको शायद ही पता होगा देश में 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से 35 सुरंगें पहले ही बन चुकी हैं. इनकी कुल लम्बाई 49 किलोमीटर है और अब देश में करीब 273 किलोमीटर की नई सुरंगें बनाने की तैयार है.
आपको बता दें भारत में Tunnels का निर्माण केवल ट्रैफिक कम करने, यात्रा आसान और सुरक्षित बनाने के लिए ही नहीं हो रहा बल्कि Tunnels के जरिये भारत के विकास की कहानी को वैश्विक स्तर पर अलग पहचान दिलाने के लिए भी किया जा रहा है. 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल इसी का एक उदाहरण है.
देश में जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा Tunnels हैं. सरकार जम्मू-कश्मीर सहित लद्दाख में 40 से ज्यादा Tunnels का निर्माण कर रही है.
आपको जानकर हैरानी होगी भारत की सबसे छोटी टनल भी 1,024 मीटर लम्बी है और भारत की सबसे छोटी भंवर टोंक सुरंग छत्तीसगढ़ में स्थित है.
यदि भारत की सबसे लम्बी रोड टनल की बात करें तो ये न ही उत्तराखंड में है न ही हिमाचल. देश की सबसे लम्बी रोड टनल जम्मू-कश्मीर में है.
Upcoming Tunnels In India
श्यामा प्रसाद मुखर्जी टनल सुरंग 9.34 किमी लंबी है और यह चेनानी से शुरू होती है और नशरी पर समाप्त होती है. सुरंगों की एक-एक चीज़ जानने के बाद अब बात करते हैं देश की 5 Upcoming हाईटेक की tunnels की. जिसमें से पहले नंबर पर देश की सबसे Upcoming हाईटेक Tunnels है, इसलिए विडियो को पूरा देखें.
इस लिस्ट में 5वें नंबर पर सिलक्यारा सुरंग है. ये सुरंग चारधाम सड़क परियोजना का हिस्सा है.सिलक्यारा सुरंग करीब 4.5 किमी लंबी है.करीब 853.79 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कार्य चल रहा है. सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का निर्माण इस साल मार्च तक पूरा होना था, लेकिन बीते साल भूस्खलन हादसे के बाद इसका निर्माण दो माह तक बंद रहा.अब ये टनल वर्ष 2025 तक ही बनकर तैयार होगी.
इस लिस्ट में चौथे नंबर पर देश की सबसे लम्बी शहरी टनल है. बोरीवली टनल की लम्बाई 11.8 किमी लंबी होगी.इस टनल के निर्माण की लागत 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का होने का अनुमान है. इस प्रोजेक्ट के साल 2028 तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है.
इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर बन रहे दो टनल हैं.इनमें से एक टनल 1.67 किलोमीटर और दूसरा 8.92 किलोमीटर लंबा होगा.ये tunnels वेस्टर्न घाट के घुमावदार रास्ते पर बनाये जा रहे हैं. अमूमन घुमावदार रास्तों पर टनल की चौड़ाई ज्यादा नहीं होती है, लेकिन भारतीय इंजीनियरिंग ने यह कारनामा कर दिखाया है. अभी तक दुनिया का कोई देश इतनी चौड़ी टनल नहीं बना सका है.इसके मई, 2025 तक पूरा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर शिंकुन ला टनल है.यह टनल भारतीय सेना के लिए खास होने वाली है. इस टनल भारतीय सेना को हर मौसम में एलएसी का एक्सेस देगी. इस टनल के निर्माण से लद्दाख में साल भर सुचारू रूप से आवाजाही होगी.शिंकुन टनल 15800 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है और दुनिया की सबसे लंबी टनल है. इसकी लंबाई 4.1 किलोमीटर है. यह टनल एक ट्विन-ट्यूब टनल है. यानी की दो मार्गों वाली टनल.
Which is the longest highway tunnels in India?
इस लिस्ट में पहले नंबर पर एशिया की सबसे लंबी सुरंग है.ऊँचाई के मामले में देश में सबसे लंबी सुरंग के तौर पर अटल टनल को जाना जाता है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह खिताब जोजिला टनल को मिल जाएगा. क्योंकि, लेह-लद्दाख हाईवे पर बनाई जाने वाली यह सुरंग करीब 13.153 किलोमीटर लंबी होगी. इसके 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है.
तो अगली बार जब आप किसी सुरंग से गुजरें, तो सोचिए कि ये न सिर्फ पहाड़ों का सीना चीरकर बनी हैं, बल्कि भारत के विकास और भविष्य का हिस्सा भी हैं. ये सुरंगें केवल रास्ते नहीं हैं, ये भारत के आत्मनिर्भर बनने की कहानी हैं.आप किस विषय पर विडियो देखना चाहते हैं कमेंट कर के ज़रूर बताएं.