क्या पुरानी सरकारों ने मेट्रो को किया नज़रअंदाज़ ? अब कैसे बदल रहा है गेम?| Metro Expansion In India

भारत में मेट्रो की शुरुआत(when did metro start in india)

Metro Expansion In India:24 अक्टूबर 1984 को देश के इस हिस्से में पहली मेट्रो चली. आज़ादी के 36 साल बाद देश को पहली मेट्रो रेल मिली. तब इस कोलकाता मेट्रो का Route सिर्फ 3.4 km लम्बा था, लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि कोलकाता मेट्रो के successful हो जाने के बावजूद भी, देश को दूसरा मेट्रो रेल नेटवर्क मिलने में 18 साल लग गए. 

Metro Before 2014 and after In India

देश की दूसरी मेट्रो दिल्ली में चली और इसे साल 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने हरी झंडी दिखाई, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि पहले कोलकाता मेट्रो, फिर दिल्ली मेट्रो के successful हो जाने के बाद भी देश को तीसरा मेट्रो रेल नेटवर्क मिलने में 9 साल लग गए. 

तब मेट्रो के विस्तार की गति इतनी स्लो थी कि 2014 तक देश के सिर्फ 5 शहरों में ही मेट्रो चल रही थी और आज़ादी के 66 साल बाद भी हमारे देश का टोटल मेट्रो रेल नेटवर्क 250 किलोमीटर तक भी एक्सपैंड नहीं हो पाया।

यहां तक, कि देश में मेट्रो के इतने successful Models होने के बाद भी, 2014 से पहले तक मेट्रो की लाइन बिछाने की रफ़्तार भी इतनी कम थी कि तब हर महीने सिर्फ़ 600 मीटर लाइन ही बिछ पाती थी. 

2014 से पहले मेट्रो और बाद में मेट्रो विस्तार( Metro before 2014 in india and After )

अब इस मैप को ज़रा ध्यान से देखिये. 2014 में हमारे मैप में मेट्रो की मौजूदगी कुछ ऐसी थी और अब ऐसी. अब सवाल उठता है कभी मेट्रो विस्तार के लिए संघर्ष करने वाला हमारा देश अब तेज़ी से मेट्रो का जाल कैसे बिछा रहा है ? क्या मेट्रो रेल नेटवर्क के मामले में अमेरिका को पछाड़कर दूसरे नंबर पर आ पायेगा भारत ? और क्या कभी आपने सोचा है दिल्ली मेट्रो 24 घंटे क्यों नहीं चलती ?भारत की विश्व में Current मेट्रो रैंकिंग क्या है ? तो चलिए मेट्रो से जुड़े हर सवाल को डिकोड करते हैं 

2014, वो साल है जब से हमारे देश में मेट्रो Revolution की शुरुआत हुई. आपको जानकर ख़ुशी होगी आज हमारे देश का कुल मेट्रो नेटवर्क 1000 किलोमीटर  से भी ज़्यादा हो चुका है और देश के 11 राज्यों के 23 शहरों में मेट्रो operational हो चुकी है. 

यही नहीं देश में मेट्रो लाइन बिछाने की रफ़्तार भी 10 गुना तक बढ़ चुकी है. एक समय मेट्रो लाइन बिछाने में संघर्ष करने वाला हमारा देश अब, हर महीने 6 किलोमीटर तक मेट्रो लाइन बिछा रहा है,लेकिन इससे भी दिलचस्प बात ये है कि आज हमारी मेट्रो एक्सपर्टीज का बेनिफिट भारत के राज्य ही नहीं बल्कि विश्व के दूसरे देश भी ले रहे हैं. 

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) का मॉडल दुनियाभर में सराहा जा रहा है. DMRC बांग्लादेश में मेट्रो रेल सिस्टम को लागू कर रहा है और जकार्ता में कंसल्टेशन दें रहा है. यहां तक कि इज़राइल, सऊदी अरब, केन्या, और अल साल्वाडोर जैसे देश भी भारत की मेट्रो प्रणाली में रुचि दिखा रहे हैं, लेकिन शायद ही आपको पता हो भारत 2014 से पहले तक मेट्रो रेल नेटवर्क के मामले में 13वें नंबर पर था और अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क बन गया है. 

Metro Rail Policy 2017

देश में मेट्रो विस्तार का जवाब Metro Rail Policy 2017 में मिलता है.इसमें कॉम्पैक्ट शहरी विकास, मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन, और लास्ट-माइल कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया.मेट्रो प्रोजेक्ट्स को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत अनिवार्य किया गया, जिससे निवेश और एक्सपर्टीज का फायदा मिला। इसमें शहरों में बढ़ती व्यक्तिगत गाड़ियों की संख्या, इनके कारण होने वाले  एक्सीडेंट और प्रदूषण के उपायों को खोजा गया. इसमें Metro Rail, Bus Rapid Transit और  Light Rail जैसी मास ट्रांजिट प्रणालियों को इसका समाधान का बताया गया है. 

How many cities in India will have a metro ?

दूसरा केंद्र सरकार का मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए बजट को  बढ़ाना भी है. 2024-25 में केंद्र का मेट्रो बजट ₹21,335 करोड़ है. इस वक़्त देश के 28 शहरों में 997 किमी से ज़्यादा मेट्रो under construction है और जैसे ही 500 km से ज़्यादा मेट्रो हमारे देश में ऑपरेशनल हो जाएगी, मेट्रो रेल नेटवर्क के मामले में हम अमेरिका को भी पीछे छोड़ देंगे और हमारे पास दुनिया का दूसरा सबसे बढ़ा मेट्रो नेटवर्क होगा। फ़िलहाल अमेरिका का मेट्रो नेटवर्क 1,400 किमी के करीब है.

लेकिन क्या कभी आपने सोचा है दिल्ली मेट्रो 24 घंटे क्यों नहीं चलती ?

और दिल्ली मेट्रो में पहला कोच कब से महिलाओं के लिए रिज़र्व हुआ?

तो आपको बता दें दिल्ली मेट्रो रात में मेंटेनेंस और सुरक्षा जांच के कारण बंद रहती है। रात के वक़्त मेट्रो के ट्रैक और सिग्नल सिस्टम की जांच की जाती है, ताकि यात्रियों को अगली सुबह एकदम सुरक्षित सफर मिल सके। 

और अब  बात रही रिज़र्व कोच की तो महात्मा गाँधी के जन्मदिन के मौके पर 2 अक्टूबर 2010 को DMRC ने ये सुविधा महिलाओं को दी.इस कदम का मकसद मेट्रो में महिलाओं के सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाना था।

आज मेट्रो सिस्टम में उन्नति ज़मीनी परिवहन तक ही सीमित नहीं है बल्कि भविष्य के लिए नए-नए समाधान भी अपनाए जा रहे हैं. आज हमारे देश में जल मेट्रो भी चल रही है.केरल का कोच्चि, भारत का पहला शहर बन गया, जिसने जल मेट्रो परियोजना शुरू की. यही नहीं आज हमारे देश में ड्राइवरलेस मेट्रो भी चल रही है.भारत ने दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर 28 दिसम्बर, 2020 को ड्राइवरलेस मेट्रो शुरू हुई.

आज मेट्रो सिर्फ भारत के शहरों को जोड़ने का काम नहीं कर रही, बल्कि दुनिया को स्मार्ट ट्रांसपोर्ट का रास्ता भी दिखा रही है। जो सफर कोलकाता की 3.4 किमी लंबी मेट्रो से शुरू हुआ था, वो अब दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क्स में शामिल होने की ओर है।

क्या आप तैयार हैं भारत की तेज़ रफ्तार मेट्रो यात्रा का हिस्सा बनने के लिए? कमेंट कर के ज़रूर बताएं।