सोना बेचने पर भी देना होगा टैक्स, जाने इसकी कैलकुलेशन

क्या आपने कभी सोचा है कि सोना बेचने पर भी टैक्स देना होता है? और अगर यह टेक्स नहीं दिया तो इसे टैक्स चोरी जैसे श्रेणी के अंतर्गत रखा जाता है! जी हां! जब सोना बेचा जाता है तो उससे होने वाले कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है जोकि चुकाना पड़ता है और यह टैक्स देना जरूरी होता है। तो चलिए जानते हैं इसकी कैलकुलेशन के बारे में, इससे पहले आपको बता दें कि आने वाली 31 जुलाई आइटीआर फाइल करने की लास्ट डेट है तो अगर आपने अभी तक आइटीआर फाइल नहीं किया है तो जल्द से जल्द ये काम कर ले।

अलग-अलग तरह के गोल्ड पर लगता है अलग-अलग टैक्स

Tax will have to be paid even on selling gold, know its calculation

फिजिकल गोल्ड पर कितना लगता है टैक्स?

फिजिकल गोल्ड के अंतर्गत आते है सभी प्रकार के जेवर और सोने के सिक्के, इसके साथ ही अन्य सोने की चीजें का शुमार भी फिजिकल गोल्ड में किया जाता है। 3 वर्ष के अंदर बेचे जाने वाले सोने को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है और इसकी बिक्री से जितना फायदा होता है उस पर इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है। अगर सोने को 3 साल के बाद बेचा जाता है तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की श्रेणी में रखा जाता है और इस पर 20.8 फ़ीसदी का टैक्स देना पड़ता है।

अब सीनियर सिटीजन की होने जा रही है बल्ले-बल्ले, ये स्मॉल बैंक दे रहे हैं FD पर 8.15% तक का ब्याज

गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ETF पर लगने वाला टैक्स

गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स से जितना लाभ मिलता है, उस पूरे लाभ पर फिजिकल गोल्ड के समान ही टैक्स लगाया जाता है।  इनकम टैक्स की तरफ से इससे संबंधित कोई अलग से नियम नहीं लागू किए है।

चाहिए भारी भरकम ब्याज दरें, तो कराएं इन बैंकों में FD

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर कितना टैक्स देना पड़ता है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की  मैच्योरिटी अवधि है 8 वर्ष की लेकिन निवेशक 5 साल के बाद इसे बाहर निकाल सकते हैं। अगर आप रिडेंप्शन विंडो यानी बांड खोलने के 5 साल बाद की अवधि के पहले ही या सेकेंडरी मार्केट के माध्यम से पैसा बाहर निकालना चाहते हैं, तो फिजिकल गोल्ड पर या गोल्ड म्युचुअल फंड पर या गोल्ड ETF पर  कैपिटल गेन टैक्स लगेंगे।

गोल्ड बॉन्ड पर ब्याज का भुगतान 2.50 फ़ीसदी की दर से किया जाता है और आपकी टैक्स स्लैब की हिसाब से यह ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल है। वहीं अगर बांड का समय पूरा हो जाता है, यानी 8 साल पूरे होने के बाद कैपिटल गेन पूरी तरह से टैक्स फ्री हो जाता है।

हर महीने सीधे महिलाओं के अकाउंट में आएगी मोटी रकम, जान लीजिए क्या है स्कीम

जान लीजिए कैसे होती है कैपिटल गेन की कैलकुलेशन?

चलिए मान लीजिए आपने किसी प्रॉपर्टी पर या सोने पर कुछ साल पहले एक लाख का निवेश किया था, जिसकी वैल्यू बढ़कर इस समय दो लाख हो चुकी है, इसमें से बढ़ी हुई वैल्यू यानी एक लाख पर कैपिटल गेन लगता है और इसी धनराशि पर टैक्स देना होता है।

Alert! पछतावे से बचना हो तो, जरूर जान लें PM किसान योजना के बारे में यह महत्वपूर्ण खबर

Leave a Comment