सैलरी अकाउंट के नुकसान, salary account ke nuksan: हम सभी ने सैलरी अकाउंट के बारे में ज़रूर सुना है. हम सभी जानते हैं सैलरी अकाउंट पर हमें ओवर ड्राफ्ट, अनलिमिटेड फ्री ATM ट्रांजैक्शन जैसी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन कम ही लोग को सैलरी अकाउंट के नुकसान की जानकारी होती है.
इस लेख में हम आपको सैलरी अकाउंट के 5 ऐसे नुकसानों की जानकारी देंगे जिनके बारे में गूगल पर थोड़ी भी जानकारी उपलब्ध नहीं है. हम आपको नीचे एक-एक कर इनके बारे में बतायेंगे. हमें लाभ-हानि दोनों के बारे में पता होना ज़रूरी जिसे हम यह तय कर पाएं कि हमें सैलरी अकाउंट खुलवाना चाहिए या सेविंग अकाउंट.
कौन सा खाता खुलवाना है और कौन सा नहीं तय करने के लिए आपको लेख को पूरा पढ़ना पड़ेगा. एसबीआई सैलरी अकाउंट के कई लाभ हैं जिसे हमने विस्तार से दूसरे लेख में बताया है.
सैलरी अकाउंट क्या होता है(Salary Account Kya Hota Hai)
सैलरी अकाउंट एक प्रकार सेविंग अकाउंट ही होता है जिसमें कर्मचारियों को प्रति महीने उनकी तनख्वाह प्राप्त होती है. इस प्रकार के खाते अक्सर कंपनियां बैंक के साथ मिलकर खुलवाती हैं. इस अकाउंट में अन्य सेविंग अकाउंट की तरह ही पासबुक, डेबिट कार्ड, नेटबैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग जैसी सुविधाएं मिलती है.
सैलरी अकाउंट के नुकसान(Salary Account Ke Nuksan)
सैलरी अकाउंट के कई फायदे भी हैं तो कई नुकसान भी. नुकसान की जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं.
#1-कम सुरक्षा
सैलरी अकाउंट को सेविंग अकाउंट की तुलना में कम सुरक्षित समझा जाता हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये खाते सीधे तौर पर कंपनी के पेरोल सिस्टम से जुड़े होते है. कंपनी आपके खाते से पैसे निकाल तो नहीं सकती है आपकी मर्जी के बिना, लेकिन आपके खाते से जुड़ी कई जानकारी ज़रूर हासिल कर सकती है.
#2-निश्चित उम्र में ही खोल सकते हैं खाता
जैसा की हम सभी जानते हैं कि सेविंग अकाउंट खोलने की कोई उम्र निर्धारित नहीं है. देश का हर व्यक्ति चाहे छोटा बच्चा हो, हाउस वाइफ हो या बुजुर्ग, सेविंग अकाउंट खोल सकता है लेकिन सैलरी अकाउंट खोलने के आपको 18 साल का होना ज़रूरी होता है और किसी कम्पनी का कर्मचारी होना भी अवश्यक है.
#3-बैंक चुनने की चॉइस का न होना
सैलरी अकाउंट अक्सर कंपनी के द्वारा खोले जाते हैं. कम्पनी का किसी एक बैंक के साथ टाईअप होता है. ऐसे में कर्मचारी के पास बैंक का चुनाव करने का विकल्प नहीं होता है. चाहे आपको वो आपको बैंक पसंद हो या उसकी खराब सर्विस से जूझना पड़े. आपको कम्पनी के साथ टाईअप वाले बैंक में ही खाता खुलवाना पड़ता है.
#4-कम उपयोगी हो जाते हैं
अक्सर ऐसा देखा गया जैसे ही कोई कमर्चारी कंपनी बदलता है तो ये खाते उपयोग में कम रह जाते हैं.
#5-सैलरी अकाउंट बन जाते हैं सेविंग
सैलरी अकाउंट के साथ एक बड़ी समस्या यह भी है कि जब लगातार 3 महीने तक आपके सैलरी अकाउंट में सैलरी नहीं आती है तो आपका सैलरी अकाउंट खुद ब खुद सेविंग अकाउंट में तब्दील हो जाता है. इसके साथ आपके सेविंग खाते में मिनियम बैलेंस की तलवार भी लटकना शुरू हो जाती है.
निष्कर्ष
इस लेख में हमने सैलरी अकाउंट के नुकसान, salary account ke nuksan को विस्तार से बताने की कोशिश की है. यदि लेख पढ़ने के बाद भी आपके कुछ सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर के बता सकते हैं. यदि लेख पसंद आया हो तो लेख को अपने दोस्तों और परिवारों के साथ शेयर करें.