RBI Guidelines For Credit Card Defaulters In Hindi:देश में क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ी रही है. इसी तरह क्रेडिट कार्ड के बिल पे न कर पाने वाले डिफाल्टरों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. कार्डधारक और क्रेडिट कार्ड इशू करने वाली कंपनियों के हितों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने कई दिशा निर्देश दिए हुए. ये दिशा निर्देश कार्डधारक और क्रेडिट कार्ड इशू करने वाली कंपनियों को कई परेशानियों से बचाते हैं.
इस लेख में हम क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टरों के लिए आरबीआई के दिशानिर्देशों(RBI Guidelines For Credit Card Defaulters In Hindi) की जानकारी देंगे और बतायेंगे कैसे दिशानिर्देशों का पालन कर आप दंड और कानूनी कार्यवाही से बच सकते हैं.
यदि आप भी क्रेडिट कार्ड डिफाल्टर हैं या क्रेडिट कार्ड की पेमेंट टाइम पर नहीं करते हैं तो आपको अपने अधिकार अच्छे से पता होने चाहिए. इन नियमों को जानने के बाद क्रेडिट कार्ड कंपनियों को आसानी से चकमा दे सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड डिफाल्टरों के लिए आरबीआई की गाइडलाइन क्या है और उन्हें क्यों बनाया गया(RBI Guidelines For Credit Card Defaulters In Hindi)
#1-डिफाल्टरों के हितों की रक्षा
आरबीआई की गाइडलाइन को इसलिए पेश किया गया ताकि डिफाल्टरों के हितों की रक्षा की जा सके और उन्हें बकाया राशि #चुकाने के लिए अच्छा खासा टाइम दिया जा सके. ये गाइडलाइन इसलिए भी बनाई गयी ताकि क्रेडिट कार्ड कम्पनीज कार्डधारकों के साथ अनुचित व्यवहार न कर सके और पैसे उगाई के लिए गलत गतिविधियों सहारा न ले सकें.
#2-डिफाल्टरों को लिखित नोटिस
गाइडलाइन में साफ़-साफ़ बताया गया है कि क्रेडिट कार्ड कम्पनीज कोई भी कानूनी कार्यवाही से पहले डिफाल्टरों को एक लिखित नोटिस भेजें. नोटिस में उस राशि का जिक्र होना चाहिए जिसे कार्डधारक द्वारा वापस किया जाना है साथ ही कब तक लौटना है इसे भी मेंशन करना ज़रूरी है.
#3-डिफाल्टरों को देना होगा रिपेमेंट प्लान
गाइडलाइन में यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि कार्डधारक एक मुश्त रकम नहीं चुका पा रहें हैं तो उन्हें एक रिपेमेंट प्लान देना होगा. पुनः भुगतान प्लान काफी वाजिफ होना चाहिए ताकि वो लोग आसानी से बकाया राशि को चुका सके.
#4-डिफाल्टरों की स्थिति को 30 दिनों के भीतर करना होगा अपडेट
यदि किसी कार्डधारक को डिफाल्टर घोषित किया जा चुका है या रिपोर्ट किया गया है और कार्डधारक इसके बाद बकाया राशि को चुका देता है तो कार्ड-जारीकर्ता को निपटान की तारीख से 30 दिनों के भीतर डिफाल्टर की स्थिति को अपडेट करना होगा.
#5- ग्राहक गोपनीयता का सख्ती से हो पालन
क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके एजेंट उन कार्यों से दूर रहेंगे जिनसे कार्डधारको की अखंडता और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है साथ ही ग्राहकों की गोपनीयता का भी सख्ती से ख्याल रखा जायेगा.
#6-कंपनियां डिफाल्टरों को धमकी और उनका उत्पीड़न करने से बचें
ऋण वसूली के प्रयासों में कंपनी का कोई भी एजेंट कार्डधारक को धमकी नहीं दे सकता और न ही अन्य किसी भी प्रकार उत्पीड़न कर सकता है. कंपनी के एजेंट डिफाल्टरों से बकाया राशि की वापसी के लिए गाली गौलज का सहारा नहीं ले सकते हैं.
#7-डिफाल्टरों के परिवार वालों को नहीं कर सकते अपमानित
ऋण वसूली के प्रयासों में कंपनी का कोई भी एजेंट डिफाल्टरों के परिवार वालों, रेफरी और दोस्त को अपमानित नहीं कर सकते हैं और न ही उनकी गोपनीयता को सार्वजनिक किया जा सकता है. उन्हें गुमनाम और धमकी भरे कॉल भी नहीं किये जा सकते हैं.
#8-डिफाल्टरों को नहीं भेजा जा सकता जेल
बकाया राशि न चुका पाने पर क्रेडिट कार्ड कंपनियां सिबिल मुकदमा चलाती हैं. आमतौर पर सिविल मुकदमों के लिए क्रिमिनल केस फाइल नहीं किये जाते हैं. ऐसे में डिफाल्टरों को जेल नहीं भेजा जा सकता है.
#9-रिकवरी एजेंट परेशान करें तो शिकायत करें
यदि कोई रिकवरी एजेंट आपको बार-बार परेशान करें तो आप उसकी शिकायत संबधित बैंक से कर सकते हैं साथ ही मामला ज्यादा बढ़ जाने पर आप पुलिस में भी शिकायत कर सकते हैं. डिफाल्टर का इशू सिबिल मुकदमों के अंतर्गत आता है इसलिए रिकवरी एजेंट मनमानी नहीं कर सकते हैं.
#10- डिफाल्टरों को सुबह 7 बजे से लेकर शाम सात बजे के बीच ही कर सकते हैं कॉल
बैंक के एजेंट डिफाल्टरों को सुबह 7 बजे से लेकर शाम सात बजे के बीच ही कॉल कर सकते हैं. एजेंट उनके घर भी इसी समय के दौरान जा सकते हैं यदि कोई एजेंट इस नियम को तोड़ता है तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जा सकता है.
क्रेडिट कार्ड डिफाल्टर होने से कैसे बचें
भारत में क्रेडिट कार्ड डिफाल्टर की लिस्ट में शामिल होने से बचने के कई तरीके हैं.
#1-क्रेडिट कार्ड अग्रीमेंट को अच्छे से पढ़ें
जब भी आप क्रेडिट कार्ड बनवाएं कोशिश करें कि आप क्रेडिट कार्ड की टर्म और कंडीशन को अच्छे से पढ़ें. इसके जरिये आप जान सकते हैं कि यदि भविष्य में आप क्रेडिट कार्ड का बकाया राशि चुकाने में असमर्थ हो तो आपके खिलाफ क्या-क्या एक्शन लिया जा सकता है.
#2-अपने खर्चों पर रखें नज़र
यदि आप क्रेडिट कार्ड डिफाल्टर घोषित नहीं होना चाहते हैं तो आप अपने क्रेडिट कार्ड के खर्चों पर लगातार नज़र बनायें रखें. अपने खर्चों को बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए अपने बजट की योजना बनायें. उतना ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें जितने की ज़रूरत है.
#3-रिपेमेंट का विकल्प तलाशें
कभी ऐसा हो कि आप क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि चुकाने में खुद को असमर्थ पाए तो तुरंत क्रेडिट कार्ड कंपनियों से संपर्क करें. उनसे बातचीत करें और बकाया राशि चुकाने के लिए उनसे रिपेमेंट का प्लान मांगें.
#4-क्रेडिट लिमिट का 30% से कम खर्च करें
हमें क्रेडिट कार्ड पर जितनी भी लिमिट दी गयी हो उसका 100% कभी खर्च नहीं करना चाहिए. इससे हमारा क्रेडिट स्कोर ख़राब हो सकता है. हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम, हमारी क्रेडिट लिमिट का 30% से भी कम खर्च करें. जिससे हमें बकाया राशि को बाद में चुकाने में कोई दिक्कत न हो और हम डिफाल्टर होने से बच सकें.
यदि आप क्रेडिट कार्ड डिफाल्टर घोषित हो चुके हैं तब क्या करें
#1- पर्सनल लोन ले सकते हैं
यदि आप क्रेडिट कार्ड डिफाल्टर घोषित हो चुके हैं और इससे बाहर आना चाहते हैं साथ ही बकाया राशि चुकाने की इच्छा रखते हैं तो आप बैंक से पर्सनल लोन के सकते हैं. क्रेडिट कार्ड की व्याज दर के मुकाबले पर्सनल लोन की व्याज दर काफी कम होती है. इस तरह आप राशि को चुका सकते हैं और इसके बाद पर्सनल लोन की राशि को धीरे-धीरे चुकाते रहें.
#2- EMI का सहारा लें
इसके लिए आप बैंक से बातचीत कर सकते हैं और उन्हें भरोसा दिला सकते हैं कि आप बकाया राशि को उचित EMI के जरिये आसानी से चुका सकते हैं.
#3-देरी शुल्क और व्याज शुल्क को माफ़ करने की करें गुज़ारिश
आप क्रेडिट कार्ड कंपनियों से बातचीत करें और उनसे देरी शुल्क और व्याज शुल्क को माफ़ करने की गुजारिश करें. जितना हो सके प्यार से नेगोशिएशन करें और अपना बकाया राशि चुकाएं.
क्रेडिट कार्ड से जुड़ें सवाल
क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर न करने पर क्या होता है ?
क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर न करने पर लेट फीस चुकाना पड़ सकता है यदि लगातार ऐसा ही रहा तो आपको ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है और लीगल एक्शन लिया जा सकता है.
रिकवरी एजेंट परेशान करे तो क्या करना चाहिए?
यदि कोई रिकवरी एजेंट आपको बार-बार परेशान करें तो आप उसकी शिकायत संबधित बैंक से कर सकते हैं साथ ही मामला ज्यादा बढ़ जाने पर आप पुलिस में भी शिकायत कर सकते हैं. डिफाल्टर का इशू सिबिल मुकदमों के अंतर्गत आता है इसलिए रिकवरी एजेंट मनमानी नहीं कर सकते हैं.
क्या रिकवरी एजेंट घर आ सकते हैं?
जी हां, रिकवरी एजेंट आपके घर आ सकते हैं लेकिन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही. यदि कोई इसके अलावा टाइम में आपके घर आये तो आप शिकायत कर सकते हैं.
रिकवरी एजेंट की सैलरी कितनी होती है?
रिकवरी एजेंट की सैलरी 15000 से 30 हज़ार के बीच होती है.
निष्कर्ष
इस लेख में क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टरों के लिए आरबीआई के दिशानिर्देश, RBI Guidelines For Credit Card Defaulters In Hindi को बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया गया है. यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कमेंट ज़रूर करें. साथ इस जानकारी को शेयर करें.
Kamal Joshi plz help me
Finance wale din raat phone karke itna pareshan kar diye hai ki mai jine ke baare me nahi ab sochata hu
आप आरबीआई से शिकायत कर सकते हैं